Tuesday, March 19, 2013

दर्द का रिश्ता

दर्द का रिश्ता
मेरा दर्द
उसका भी है
और तेरा भी.....
दर्द तो बस दर्द है
चाहे जिसका भी हो ।
मेरे दर्द को
तुम नहीं समझ सकते
और तेरे दर्द को मैं ।
मेरा दर्द तुम कम नहीं कर सकते
और तेरे दर्द को मैं ।
मेरे और तुम्हारे दर्द का क्या रिश्ता है
हम कभी समझ नहीं सकते ।
मेरा दर्द तेरे दर्द से बड़ा है—
ऐसा मैं समझता हूँ
और तेरा दर्द मेरे दर्द से बड़ा है
ऐसा तुम समझते हो ।
लेकिन दर्द तो बस दर्द है
चाहे तेरा हो या मेरा
या उसका ।
हमें अपने दर्द से है प्यार
तुझे भी है अपने दर्द से प्यार
तभी हम अपने-अपने
दर्द को ढो रहे हैं
बिना किसी से बदले ।
हम न तो बदल सकते हैं
और न इसे फेंक सकते हैं
क्योंकि सभी को है
अपने दर्द से एक रिश्ता
उसके साथ जीने का और मरने का

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