दर्द का रिश्ता
मेरा दर्द
उसका भी है
और तेरा भी.....
दर्द तो बस दर्द है
चाहे जिसका भी हो ।
मेरे दर्द को
तुम नहीं समझ सकते
और तेरे दर्द को मैं ।
मेरा दर्द तुम कम नहीं कर सकते
और तेरे दर्द को मैं ।
मेरे और तुम्हारे दर्द का क्या रिश्ता है
हम कभी समझ नहीं सकते ।
मेरा दर्द तेरे दर्द से बड़ा है—
ऐसा मैं समझता हूँ
और तेरा दर्द मेरे दर्द से बड़ा है
ऐसा तुम समझते हो ।
लेकिन दर्द तो बस दर्द है
चाहे तेरा हो या मेरा
या उसका ।
हमें अपने दर्द से है प्यार
तुझे भी है अपने दर्द से प्यार
तभी हम अपने-अपने
दर्द को ढो रहे हैं
बिना किसी से बदले ।
हम न तो बदल सकते हैं
और न इसे फेंक सकते हैं
क्योंकि सभी को है
अपने दर्द से एक रिश्ता
उसके साथ जीने का और मरने का
मेरा दर्द
उसका भी है
और तेरा भी.....
दर्द तो बस दर्द है
चाहे जिसका भी हो ।
मेरे दर्द को
तुम नहीं समझ सकते
और तेरे दर्द को मैं ।
मेरा दर्द तुम कम नहीं कर सकते
और तेरे दर्द को मैं ।
मेरे और तुम्हारे दर्द का क्या रिश्ता है
हम कभी समझ नहीं सकते ।
मेरा दर्द तेरे दर्द से बड़ा है—
ऐसा मैं समझता हूँ
और तेरा दर्द मेरे दर्द से बड़ा है
ऐसा तुम समझते हो ।
लेकिन दर्द तो बस दर्द है
चाहे तेरा हो या मेरा
या उसका ।
हमें अपने दर्द से है प्यार
तुझे भी है अपने दर्द से प्यार
तभी हम अपने-अपने
दर्द को ढो रहे हैं
बिना किसी से बदले ।
हम न तो बदल सकते हैं
और न इसे फेंक सकते हैं
क्योंकि सभी को है
अपने दर्द से एक रिश्ता
उसके साथ जीने का और मरने का
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